बहुत ज्‍यादा पानी पीना भी अच्‍छी बात नहीं

बहुत ज्‍यादा पानी पीना भी अच्‍छी बात नहीं

सुमन कुमार

हमें जानना चाहिए कि हमारे शरीर को कितने पानी की जरूरत है

गर्मी ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले रखा है और इसके साथ ही हमारे शरीर की पानी की जरूरत भी बढ़ गई है। धूप में थोड़ी देर निकलने के साथ ही प्‍यास से गला सूखने लगता है। ऐसे में शरीर को हाइड्रेट करना जरूरी है। कई लोगों को बहुत अधिक पानी पीने की आदत होती है।

गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं

आमतौर पर इस आदत को अच्‍छा माना जाता है मगर हालिया अध्‍ययनों ने साबित किया है कि शरीर की जरूरत से अधिक पानी पीना गंभीर जटिलताओं को जन्‍म दे सकता है। दरअसल शरीर में जरूरत से अधिक पानी पहुंचने के कारण खून में सोडियम का स्‍तर खतरनाक रूप कम हो सकता है अथवा बुजुर्ग लोगों के दिमाग में इसके कारण सूजन हो सकती है।

दरअसल शरीर में ज्‍यादा पानी पहुंचने से टीआरपीवी 4 नामक कैल्सियम चैनल सक्रिय हो जाता है। ये चैनल हाइड्रेशन सेंसिंग न्‍यूरॉन्‍स को घेरने वाली कोशिकाओं में पाया जाता है। ये शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखने में चौकीदार की भूमिका निभाता है।

सोडियम कम हो जाए तो

खून में सोडियम की मात्रा यदि अत्‍यधिक कम हो जाए तो इस स्थिति को हाइपोनेट्र‍िमिया कहते हैं। सोडियम एक इलेक्‍ट्रोलाइट है जो शरीर की कोशिकाओं में पानी की मात्रा को सही बनाए रखने में मदद करता है। जब कोई व्‍यक्ति बहुत अधिक पानी पीता है तो शरीर में पानी की मात्रा बढ़ने लगती है और पानी की अधिकता के कारण कोशिकाओं में सूजन आने लगती है। ये सूजन कई तरह की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को जन्‍म देती है।

क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ

इस बारे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्‍यक्ष और हार्ट केयर फाउं‍डेशन ऑफ इंडिया के अध्‍यक्ष डॉक्‍टर के.के. अग्रवाल का कहना है कि ज्‍यादा पानी से शरीर में जल अधिकता की स्थिति पैदा होती है जो कि सोडियम और अन्‍य इलेक्ट्रोलाइट्स को पतला कर देता है। एक व्‍यक्ति जो कि सामान्‍य मात्रा में पानी पीता है उसका पेशाब पीला से लेकर पारदर्शी पीला होता है। हालांकि लोग ये मानते हैं कि साफ पेशाब होना अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य की निशानी है मगर हकीकत ये है कि यदि पेशाब में किसी तरह का रंग न हो तो इसका अर्थ ये है कि संबंधित व्‍यक्ति बहुत अधिक पानी पी रहा है। हमें आमतौर पर एक दिन में आठ से दस ग्‍लास पानी की जरूरत होती है। हालांकि ये मात्रा व्‍यक्ति की ऊंचाई, वजन और व्‍यायाम के पैटर्न पर निर्भर करता है। बहुत अधिक पानी पीना या फि‍र पानी शरीर से बाहर निकलने की प्रक्रिया सही न होने से शरीर में पानी का स्‍तर बढ़ सकता है और इससे परेशानी बढ़ सकती है।

कैसे पता चले कि शरीर में पानी ज्‍यादा है

जी मिचलाना या उल्‍टी, सिरदर्द, किसी तरह का कनफ्यूजन या एकाग्रता की कमी इस स्थिति का संकेतक हो सकता है। समय बढ़ने के साथ यदि इसका इलाज न किया जाए तो ये स्थिति मांसपेशियों की कमजोरी, जकड़न, क्रैम्‍स, बेहोशी और अंत में कोमा की कंडीशन ला सकती है। वैसे शरीर में सोडियम की गंभीर कमी की स्थिति कुछ खास दवाओं के कारण भी हो सकती है। ये दवाएं हृदय रोग, किडनी, ल‍िवर, गंभीर डायरिया और हार्मोनल बदलाव आदि इसके कारण हो सकते हैं। ऐसे में कारण का पता लगाकर इलाज किया जाना चाहिए।

कितना पानी पीएं

सबसे आसान तरीका तो यही है कि अपने वजन के हिसाब से पानी पीएं। शरीर के वजन के हर किलो के लिए 30 एमएल पानी रोजाना जरूरी है यानी अगर ऊंचाई के हिसाब से आपका वजन 70 किलो होना चाहिए तो आापको रोज दो लीटर से थोड़ा ज्‍यादा पानी पीना चाहिए। गर्मियों में आधा लीटर पानी ज्‍यादा पीना चाहिए।

हालांकि शरीर में पानी की जरूरत का बेहतर संकेत आपकी प्‍यास और पेशाब का रंग देता है। अगर पेशाब ज्‍यादा पीला हो रहा है और आपको प्‍यास भी लग रही है तो इसका अर्थ है कि पानी की मात्रा कम है और आपको ज्‍यादा पानी चाहिए। वहीं अगर पेशाब बिलकुल रंगहीन हो गया हो तो मतलब आप ज्‍यादा पानी पी रहे हैं।

वैसे यदि शरीर में पानी ज्‍यादा हो रहा हो तो आपको डॉक्‍टरों की सलाह लेने की जरूरत है।

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